इंदौर।इलाज के लिए तीन हजार रुपए देने के बहाने एक परिचित पेटलावद (झाबुआ) से 18 वर्षीय युवती को कार से इंदौर लाया। उसे विजय नगर स्थित एक मल्टी के फ्लैट में ले गया। वहां उसके तीन साथी और थे। युवती को शराब पिलाई और उसके साथ चारों ने गैंगरेप किया। इसके बाद रात साढ़े 10 बजे उसे गंगवाल बस स्टैंड पर छोड़कर भाग गए। वहां युवती को रोता देख लोगों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस युवती को थाने ले गई। उसने पुलिस को गैंगरेप की बात तो बताई, लेकिन इस डर से केस दर्ज कराने से इनकार कर दिया कि पति और परिवार उसे घर से निकाल देंगे।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक युवती को इलाज के लिए रुपए की जरूरत थी। उसने अपने परिचित को फोन कर मदद मांगी तो उसने दोस्त द्वारा मदद करने का बोला। दोस्त ने महिला को कॉल किया और बोला कि वह इंदौर में उसे रुपए दे सकता है। इस पर परिचित उसे कार से इंदौर लेकर आया। गैंगरेप के बाद उसे बस स्टैंड पर छोड़कर भाग गए। लोगों ने उसे रोता देख बात की और पुलिस चौकी तक पहुंचाया। वहां से डायल-100 की एफअारवी उसे छत्रीपुरा थाने लेकर आई। पूछताछ में युवती ने घटना का खुलासा किया।
जानकारी के बाद रात में ही सीएसपी, एएसपी सहित महिला थाना प्रभारी, महिला पुलिस अधिकारी थाने पहुंचे और उसे रिपोर्ट लिखवाने का बोला तो उसने मना कर दिया। बताया जा रहा है कि युवती ने 17 साल की उम्र में लव मैरिज की थी। महिला पुलिस ने युवती की काउंसलिंग की और उसे आरोपियों के नाम बताने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी। उसका कहना था कि घटना की जानकारी पति और परिवार को लगी तो वे लोग मुझे घर से निकाल देंगे। उसने पुलिस से यह भी कहा कि केस दर्ज करवाने के लिए जबर्दस्ती की तो वह जान दे देगी। पुलिस मेडिकल कराने के लिए एमवाय अस्पताल भी ले गई, लेकिन उसने मेडिकल नहीं करवाया।
अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के मुताबिक ऐसे मामलों में हाईकोर्ट अखबार में छपी खबरों के आधार पर ही संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर कर सकती है अौर पुलिस को सीधे एफआईआर दर्ज करने को कह सकती है। जहां तक सत्र न्यायालय का सवाल है वह चालान पेश होने के बाद ही हस्तक्षेप कर सकती है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक युवती को इलाज के लिए रुपए की जरूरत थी। उसने अपने परिचित को फोन कर मदद मांगी तो उसने दोस्त द्वारा मदद करने का बोला। दोस्त ने महिला को कॉल किया और बोला कि वह इंदौर में उसे रुपए दे सकता है। इस पर परिचित उसे कार से इंदौर लेकर आया। गैंगरेप के बाद उसे बस स्टैंड पर छोड़कर भाग गए। लोगों ने उसे रोता देख बात की और पुलिस चौकी तक पहुंचाया। वहां से डायल-100 की एफअारवी उसे छत्रीपुरा थाने लेकर आई। पूछताछ में युवती ने घटना का खुलासा किया।
जानकारी के बाद रात में ही सीएसपी, एएसपी सहित महिला थाना प्रभारी, महिला पुलिस अधिकारी थाने पहुंचे और उसे रिपोर्ट लिखवाने का बोला तो उसने मना कर दिया। बताया जा रहा है कि युवती ने 17 साल की उम्र में लव मैरिज की थी। महिला पुलिस ने युवती की काउंसलिंग की और उसे आरोपियों के नाम बताने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी। उसका कहना था कि घटना की जानकारी पति और परिवार को लगी तो वे लोग मुझे घर से निकाल देंगे। उसने पुलिस से यह भी कहा कि केस दर्ज करवाने के लिए जबर्दस्ती की तो वह जान दे देगी। पुलिस मेडिकल कराने के लिए एमवाय अस्पताल भी ले गई, लेकिन उसने मेडिकल नहीं करवाया।
अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के मुताबिक ऐसे मामलों में हाईकोर्ट अखबार में छपी खबरों के आधार पर ही संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर कर सकती है अौर पुलिस को सीधे एफआईआर दर्ज करने को कह सकती है। जहां तक सत्र न्यायालय का सवाल है वह चालान पेश होने के बाद ही हस्तक्षेप कर सकती है।
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