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Wednesday 25 October 2017

15 वर्ष की लड़की ने दिया बेटी को जन्म,3 वर्ष बाद करवाई शादी

  



धौलपुर। यहां के बालिका गृह में करीब तीन साल पहले माँ बनी एक नाबालिग लड़की की उसी लड़के से शादी कर दी गयी , जो उसके बच्चे का पिता था दरअसल चार साल पहले दोनों नाबालिग थे और घर से भाग गए थे। इसी दौरान लड़की गर्भवती हो गयी इस बीच लड़की के परिवार के लड़के के अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने लड़के को यूपी के इटावा जिले से गिरफ्तार कर लड़की को वापस लाया था उस समय लड़की 7 महीने की प्रेग्नेंट थी जानें फिर क्या हुआ ...

जानकारी के अनुसार 2014 में सचिन जाटव 19 साल का था। लड़की अनु की उस समय उम्र करीब 15 साल थी सचिन घाटौली गांव का रहने वाला है वो भाई के साले के दोस्त के पास धौलपुर के पास में कोलरी गांव गया था। इस दौरान उसकी अनू से मुलाकात हुई दोनों की दोस्ती प्रेम में बदल गयी  प्रेम इस क़दर पर चढ़ गया  कि दोनों शादी करने के लिए तैयार हो गए, लेकिन लड़की नाबालिग थी 

 लड़की ने सचिन के बारे में परिवार को बताया, लेकिन वो उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे आखिर दोनों घर छोड़कर भाग गए। इस दौरान वे 5-6 महीने बाहर रहे  इस बीच लड़की के पिता तोलाराम ने पुलिस में रिपोर्ट करा दी ।

पुलिस ने दोनों को यूपी के इटावा से पकड़ लिया। लड़के को तो कोर्ट के आदेश पर बाल सुधार घर भेज दिया  था। उस लड़की को बालिका गृह में रखा गया था उस समय वह 7 महीने की प्रेगनेंट थी । 2 महीने बाद डिलीवरी हो गयी  इस साल 16 अक्टूबर को लड़की बालिग हुई । लड़का करीब पोने  2 साल की जेल में रहा फिर जमानत पर छूटा इस दौरान प्रेम बरकरार रहा दोनों फिर से मिलने लगे आखिर दोनों शादी के लिए बाल कल्याण के पास पहुंचे बाद में पूरी रीति रिवाज से दोनों की शादी करावाई गई

जानें कैसे हुई शादी


बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बीजद्र सिंह परमार ने बताया कि आर्य समाज के माध्यम से बुधवार को शादी की रस्म पूरी हो गई थी। विवाह होने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट देकर लड़की को विदा कराया गया था।अध्यक्ष ने बताया कि लड़की की ढाई साल की बच्ची है ऐसे में बच्ची को ध्यान में रखते हुए उसे माता-पिता से मिलाना जरूरी था। दोनों का विवाह करवाया गया। ताकि ढाई साल की शिशु को माता-पिता का प्रेम मिल सके और लड़की को भी समाज मेंअधिकार मिल सकें।

दोनों की सहमति से शादी कानूनी सामाजिक दृष्टि से सही

विवाह में सहयोग करने वाली संस्था के एडवोकेसी आफ़सर राकेश तिवारी ने बताया कि युवाओं और युवती व्यस्क हैं। वह अपनी मर्जी से अपना जीवन बिता सकते है दोनों वर-वधु की सहमति से उसकी शादी होनी चाहिए तो कानूनी रूप से और सामाजिक दृष्टि से भी सही है और उन दोनों की बेटी को माता-पिता का प्यार हमेशा मिल रहेगा ये उस शिशु का अधिकार है यही सबके सर्वश्रेष्ठ हित है

कल्याण समिति भरतपुर बराती धौलपुर बने घराती

युवक और युवती की शादी में बाल कल्याण समिति भरतपुर और धौलपुर के पदाधिकारी बराती और घराती बनकर कार्यक्रम में उपस्थित रहे। बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने बताया कि लड़की धौलपुर जिले की रहने वाली है, इसलिए उन्होंने घराती बनकर विवाह की रस्मों को पूरा किया। वहीं लड़का भरतपुर जिले का रहने वाला है, इसलिए बाल कल्याण समिति भरतपुर के पदाधिकारी कार्यक्रम में बराती बनकर पहुंचे।

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