किसी भी घुसपैठिए दुश्मन को हराने की ताकत रखती है चीनी आर्मी
बीजिंग। एक अगस्त को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90 वी एनिवर्सिरी थी ।इससे दो दिन पहले रविवार को चीन ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इनर मंगोलिया में स्थित चीन के सबसे बड़े मिलिट्री बेस ज़ौरिहे में परेड निकाली गई। प्रेसीडेंट शी जिनपिंग खुद में शामिल हो गए बताने के लिए 16 जून से चीन के भारत के साथ सिक्किम सेक्टर में स्थित डॉकलम इलाके पर विवाद चल रहा है। भारत ने कहा है कि मस्ले पर बात हो सकती है लेकिन दोनों सेनाओं को वापस जाना उधर, चीन का कहना है कि भारत, गलत तरीके से चीन की सीमा में प्रवेश किया हुआ है। बात जो भी हो, जब भारतीय सेनाएं पीछे जाएंगी।
सेंट्रल मिलिट्री कमशन के प्रमुख हैं जिनपिंग ...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिनपिंग सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं। ये कमीशन ही पीएलए को कमांड करता है जीपिंग में खुली जिप में बाकायदा मिलिट्री यूनिफ़ॉर्म में परेड का जायज़ा लिया।
- बतादें दुनिया में सबसे बड़ी सेना चीन के पास (23 लाख) है। ये खुद में एक अनोखा मामला है कि चीन की सेना का नियंत्रण, कमिशन का हाथ है, न कि चीन सरकार का हाथ है
- चीनी सेना की स्थापना 1 अगस्त 1 927 में माओत्से तुंग की अगुआई में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किया गया था।
ऐसे दिखाई शक्ति....
- परेड में चीन के 12 हजार ट्रूप्स ने भाग लिया। इसमें 12 9 एयरक्राफ्ट और 571 मिलिट्री इक्विमेंट्स का भी प्रदर्शन किया गया।
- शॉर्ट, मिडियम और लॉन्ग रेंज तक टारगेट करने वाली डोंगफेंग, कई रॉकेट्स, टैन्क्स और ड्रॉन्स भी शामिल हैं।
- इस बीच उत्तर कोरिया मस्ले पर चीन की कोई कार्रवाई नहीं करने पर अमेरिका ने आलोचना की है वहीं, चीन ने उत्तरी कोरिया को रोकने के लिए दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (टीएएचएएडी) की तैनाती का विरोध किया है।
क्या है डॉकलम विवाद?
- ये विवाद 16 जून को शुरू हुआ , जब भारतीय ट्रूप्स ने डॉकलम क्षेत्र में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रही है
- इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में यह डॉकलाम कहा जाता है। चीन का दावा है कि यह उसके डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किमी लंबा बार्डर है। इसका 220 किमी भाग सिक्किम में आता है।
भारत की क्या चिंता है?
- नई दिल्ली ने चीन को बताया कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की वर्तमान स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा, भारत की सुरक्षा के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलीटरी एडवान्टेज हासिल होगा से उत्तरी ईस्टर्न राज्यों को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।
दोनों देशों के सैनिकों पर 100 मीटर पर आमने-सामने
- भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों की अड़ियल रवैये देखकर सिक्किम के डोकलाम इलाके में 9 जुलाई से अपनी तंबू गाड़ रखे हैं। बॉर्डर पर दोनों देशों की 60-70 सैनिकों की टुकड़ी 100 मीटर की दूरी पर आमने-सामने डटी है। दोनों ओर से भी सेनाएं यहां से 10-15 किमी की दूरी पर तैनात हैं।
बिना शर्त पीछे हटने से भारत का अस्वीकार
- भारत ने दोपहर से अपनी सेनाओं को बिना शर्त वापस बुलाने की चीन की मांग ठुकरा दी है। चीन के सरकारी समाचार पत्र पीपुल्स डेली के एक रिपोर्टर के सवाल पर भारतीय फौरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने उत्तर दिया
- बागले ने कहा, "हम डोकलाम मस्ले पर अपनी दृष्टिकोण और रास्ते खोज तरीके से चीन के सामने साफ किया गया है। सीमा के मुद्दों को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच पहले से ही एक प्रणाली बन गई है और मौजूदा विवाद के बारे में भी इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इस बारे में सहायता की है कि इस मुद्दे के समाधान से बातचीत करना चाहिए। हम अपने स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना दृष्टिकोण साफ करें। "
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