इंटरनेशनल डेस्क पाकिस्तान की पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में एंटी टेररिस्ट कोर्ट ने परवेज़ मुशर्रफ को भगोडा करार दिया है। आठ आरोपियों में से पांच को बरी कर दिया गया जबकि दो को सजा सुनाई गई। 27 दिसंबर, 2007 में रावलपिंडी में एक रैली के दौरान बम धमाके में बेनजीर की हत्या हुई थी हत्या के तत्काल बाद में मामला दर्ज किया गया, जिसकी सुनवाई रावलपिंडी में हुई। इस मामले पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अशगर अली खान ने बुधवार को निर्णय सुरक्षित रखा था।
परवेज़ मुशर्रफ़ की प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश
- जब बेनजीर की हत्या हुई तब परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के प्रेसिडेंट थे। उन पर बेनजीर की हत्या की साजिश रचने का आरोप है मुशर्रफ लंबे समय से पाकिस्तान से बाहर हैं सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुआ। लिहाजा, उन्हें भगोड़ा करार दिया गया था।
- उनके पाकिस्तान लौटने पर उनके ख़िलाफ़ सुनवाई अलग से होगी कोर्ट ने परवेज मुशर्रफ़ को भगोडा घोषित कर दिया जबकि उनके प्रॉपर्टी को जब्त करने का आदेश दिया गया था।
- बेनजीर की हत्या के बाद पांच संदिग्ध - रफाकत हुसैन, हसनैन गुल, शेर जमान,ऐतजाज शाह और अब्दुल राशीद को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है।
कोर्ट ने कहा, मुशर्रफ ने गढ़ी थी झूठी कहानी
- बेनजीर की हत्या के लिए शुरू में तालिबान सरगना बैतुल्ला महसूद को जिम्मेदार ठहराया गया था।
- दरअसल, मुशर्रफ की सरकार ने एक अन्य व्यक्ति से बातचीत का टेप जारी किया था, जिसमें वह हत्या के लिए उसे बधाई दे रहा था।
- लेकिन, कोर्ट ने इस ऑडियो रिकॉर्ड को खारिज करते हुए कहा कि मुशर्रफ ने जांचकर्ताओं को गुमराह करने और अपनी रक्षा के लिए यह कहानी गढ़ी थी
- कोर्ट ने कहा कि मुशर्रफ ने अपने सहयोगी रिटायर्ड ब्रिगेडियर जावेद इकबाल चीमा के द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाई।
10 मिनट तक भूमि पर खून से लथपथ पड़ी रहीं थीं बेनजीर
- 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी की लियाकतबाग में बेनजीर की चुनाव रैली हो रही थी । शाम को वे रैली को संबोधित करते हुए मंच से उतरकर लैंडक्रूजर बुलेट प्रूफ कार में सवार हुईं। कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने अपनी कार की शीशा नीचे कर दिया , ताकि वे लोगों का अभिवादन कर सकें
- तो फिर अचानक घात लगाए हुए मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं। अगर कार का शीशे चढ़ा होता तो शायद हादसा टल जाता। जब हमलावर गोलियां चला रहे थे , तब बेनजीर की पार्टी सुरक्षा गार्ड हमलावरों की तरफ़ बढ़ी। हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया
- बेनजीर की सीने, सिर और गले पर गोलियाँ लगीं बेनजीर भूमि पर 10 मिनट तक पड़ी रही बम फट न जाये, इसकी आशंका के कारण कोई उनके पास नहीं जा रहा था
व्हीलचेयर पर ले जाया गया अस्पताल
- दर्दनाक घटना के बाद बेनजीर को अस्पताल ले जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं थी । कारण यह है कि विस्फोट के बाद उनके साथ चल रहे गाड़ियां तबाह हो गईं थीं । उन्हें वहील चेयर पर लियाकत बाग के सिविल अस्पताल पहुंचा दिया गया था। 30 मिनट का इलाज किया, लेकिन अधिक खून बहने के कारण सर्जरी के दौरान भी उन्हे बचाया नहीं जा सका
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