गुड़गांव। रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरे क्लास के बच्चे की हत्या के बाद से उसकी मां की स्थिति खराब है माँ सुषमा के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है श्यामकुंज की गली नं -2 निवासी सुषमा ठाकुर ड्राइंगरूम में लगी बेटे की तस्वीर देखने के बाद बार-बार रो पड़ती हैं। जैसे ही खबर मिली कि बेटा बाथरूम में गिर गया है, पति-पत्नी तुरंत अस्पताल की तरफ भागे, लेकिन जैसे ही पता चला कि बेटा इस दुनिया में नहीं रहा तो माँ उसी समय बेहोश हो गई । जैसे-तैसे माँ को घर लेकर आए । तब से माँ बस एक ही बात बोल रही है कि मेरे बाबू को वापस ला दो
मेरे बेटे को क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है ...
- रोते-रोते माँ सुषमा कहती है कि मेरे बेटे को कोई शौक नहीं है उसे क्रिकेट खेलना और साइकिलिंग करना बहुत अच्छा लगता था। न केवल माँ बल्कि गली की हर महिला और पुरुष के जुबां पर यही शब्द था कि बहुत ही मासूम बच्चा था किसी से लड़ना या झगड़ना नहीं आता है उसको क्लास में भी सबसे शरीफ और होशियार बच्चों में गिना जाता है
- मां सुषमा कहती है कि मंगलवार को शिक्षक दिन के मौके पर न केवल क्लास टीचर मंजू बल्कि सभी ने सराहना की थी कि आपका बेटा बेहद काबिल है।
सुबह-हंसता खेलता गया था स्कूल
- मां सुषमा बताती है कि रात से बेटा बेहद खुश था क्योंकि उसकी कक्षा के दोस्त सर्वेश का जन्मदिन था। सुबह भी हंसता-खेलता निकला था। खुश था कि दोस्त के जन्मदिन पर उसे टॉफी मिलेगी।
मेरे बेटे का कातिल जल्द से जल्द सामने आए
- माँ सुषमा बेटे की मौत का जिम्मेदार स्कूल प्रशासन को मानती है। उसका कहना है कि मुझे इंसाफ चाहिए और मैं चाहती हूं कि मेरे बेटे का का तिल जल्द से जल्द सामने आए। मुझे उस व्यक्ति से मिलना है जिसने मेरे बेटे के साथ ऐसा किया
बच्चों को स्कूल से लाने के लिए एक महीने पहले खरीदी थी स्कूटी
- पड़ोसी ने बताया कि चूंकि पैरेंट्स बच्चों को बस से नहीं भेजना चाहते थे इसलिए एक महीने पहले ही स्कूटी खरीदी गई ताकि सुषमा दोनों बच्चों को दोपहर को स्कूल से खुद वापस ला सकें। वहीं एक रिश्तेदार ने कहा कि दो महीने पहले ही इस कपल ने फैमिली प्लानिंग की थी क्योंकि वह अपनी छोटी सी दुनिया बेहद खुश है।
क्लास टीचर अंजू ने कहा- एक बार मिलने दो, मैं पुलिस जांच में पूरी सहयोग करुँगी
- शुक्रवार को शाम करीब चार बजे बच्चे के क्लास टीचर अंजू ने अपने घर शांतिकुंज पहुंचा। इस दौरान स्कूल की तीन महिला शिक्षक और एक मेल मेंबर भी साथ थे, अंजू ने सुषमा के रिश्तेदारों को अंदर जाने की गुहार की थी, लेकिन किसी ने अंदर जाने नहीं दिया था। वह हाथ जोड़े कि एक बार उसका माँ से मिलने दो, मुझे भी बेहद दुख है, पिछले 22 सालों से नौकरी कर रही है, लेकिन किसी ने एक भी नहीं सुनी
- उसने यह भी कहा कि वह पुलिस जांच में पूरी सहयोग देगी, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं मानी। बतादे कि क्लास टीचर अंजू को स्कूल के माली ने बच्चे के बाथरूम में गिरने की सूचना सबसे पहले दी थी।
स्कूल प्रशासन के आते ही भड़के लोग, शिक्षिका के पीछे पत्थर लेकर भागी भीड़, कार के शीशे भी तोड़े
- श्यामकुंज स्थित बच्चे के घर पहुंचा स्कूल प्रशासन को देखकर वहां मौजूद पड़ोसी और रिश्तेदार भड़क गए।
- यहां तक कि बच्चे की मां सुषमा, जो कि बैठक में बैठे बेटों को याद कर रही थीं जैसे ही पता चला कि उनकी कक्षा शिक्षक अंजू आ रही है तो वह अपने गुस्से को नहीं रोक सकता और खुद को शिक्षक से बाहर जाने के लिए चिल्लाती हुई बाहर आया कि भाग जाओ यहाँ से
- \ वहीं मौजूद महिलाएं शिक्षिका ने अंजू को पीछे से धक्का भी मारा सभी पत्थर लेकर स्कूल के शिक्षिका के पीछे भागे तो जान बचाकर निकलने की कोशिश कर रहे थे शिक्षक
कार में बैठने के बाद लोगों ने पत्थरों से गाड़ी के शीशे भी तोड़ डाले।
बड़ी मन्नतों के बाद हुआ हुआ था बेटा, आज अंतिम संस्कार
- बेटे का जन्म 7 मई 2010 को गुड़गाँव में ही हुआ था। बड़ी बहन निधि ठाकुर के जन्म के 6 साल बाद बेटे को बड़ी ही मन्नतों में भगवान से लिया गया था।
- बच्चे का अंतिम संस्कार दादी और चाचा के आने के बाद शनिवार को होगा
अब किसके भरोसे बच्चों को स्कूल छोड़ेंगे पैरेंट्स : पिता
- बच्चे के पिता वरुण रोते हुए बोले, "अब पैरेंट्स 8 घंटे अपने बच्चे को किसके भरोसे छोड़ेंगे ।" मुझे कोई बता दे , अभी तक प्रिंसिपल पर क्यों कोई कार्रवाई नहीं हुई? यह पूरी तरह से जिम्मेदारी स्कूल की है।
- पिता वरुण ने कहा, "7.55 मिनट पर मैं पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला अपनी बेटी और 7 साल के बेटा को स्कूल छोड़ दिया। घर पर पहुंचने पर 8.15 मिनट पर मोबाइल पर स्कूल से फोन आया था कि अस्पताल पहुंच जाइए मैं तुरंत अस्पताल पहुँचा। बच्चों के साथ स्कूल में शिक्षक थे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। "
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