बाघ के जबड़े से अपने बच्चों को बचा लाई एक माँ - iTOP News

Breaking News

Post Top Ad

Thursday 7 September 2017

बाघ के जबड़े से अपने बच्चों को बचा लाई एक माँ



एक माँ से अधिक बच्चे को दूसरा कोई प्यार नहीं कर सकता है, और अगर बच्चे पर  भी आंच आए तो माँ को रौद्र रूप धारण करने में देर नहीं लगती। कुछ इसी प्रकार का मामला यूपी के बहराइच  में मंगलवार को सामने आया, जहां पर एक माँ  अपनी बच्ची की खातिर से बाघ से जा भिड़ी । शायद हम-आप सोचकर भी डर जाएंगे, लेकिन यह सच है कि माँ आखिरकार बच्ची को मौत के मुहं से निकाल ही लाई



वो माँ बिना किसी हथियार के सिर्फ एक डंडे के सहारे लगातार 10 मिनट तक बाघ से लड़ रही थी , और शायद इसलिए उसकी हिम्मत की वजह से नरभक्षी बाघ को भी सरेंडर करना पड़ा।



बता दे  कि यह मामला यूपी के बहराईच जिले का कर्तर्नियाघाट अभयारण्य का है, जहां पर नल पर पानी पी रही एक लड़की पर बाघ ने हमला किया, लेकिन उसकी  माँ बिना किसी देरी के  बाघ पर झपट   पड़ी। माँ केवल एक डंडे के सहारे ही 10 मिनट तक बाघ से मुकाबला कर रही थी । हालांकि बच्ची घायल होगई , लेकिन माँ ने उसे बाघ के मुंह से तो बचा लिया। बच्ची अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है। माँ के इस साहस को दुनिया सलाम कर रही है



दरअसल में कटार्नियाघाट अभ्यारण्य  में मोतीपुर रेंज से पीड़िता का गांव नैनिहा सटा हुआ है। यहां मंगलवार का देर शाम बाघ रामानुज के घर में घुस आया था। उस वक़्त रामानुज की पत्नी सुनैना खाना पका रही थी। जबकि उसकी  9 साल की बेटी संजना आंगन में नल के पास पानी पी रहा था। उसी दौरान बाघ ने उस पर झपट्टा मारा और उसके सिर को दबोच लिया।



 बालिका की  चीख सुनकर माँ सुनैना बचाव के लिए दौड़ी   तो मंजर  देखकर उसके होश  उड़ गए , लेकिन उसने   सूजबूज़ और हिम्मत  दिखाते हुए डंडों के सहारे बाघ पर हमला बोला। सुनैना 10 मिनट तक बाघ से डंडे के जरिए जूझती रही। बाघ संजना को जंगल की तरफ खींच रहा था।



मौत के मुंह में बेटी को  जाता देख सुनैना ने बाघ को दोनों हाथों से पकड़ लिया तब तक परिवार और आसपास के लोग भी मौके पर जमा हो गए । ग्रामीणों का शोर सुनकर बाघ संजना को छोड़कर  जंगल क ओर चला गया उसके सिर, पैरों में नाखून और दांतों के गहरे निशान है  हैं ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंज के अधिकारियों को दि थी , लेकिन जब  बहुत देर तक लोग नहीं आए थे, तब  उनके परिवारवाले  घायल संजना को मोतीपुर सीएचसी में ले गए थे।



 यहां रेंजर मोतिपुर खुर्शीद आलम के साथ अपने टीम पहुंचे डॉक्टरों ने घायल की स्थिति गंभीर है उसे जिला अस्पताल रेफर किया था। रेंजर खुर्शीद आलम और उनकी टीम ने बालिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बतादें की सुनना की  चार बेटियां और एक बेटा है




मोतिपुर रेंज के नैनीहा, सेमारहना, अमृतपुर पुरेना ,  झाला  आदि गांवों में तीन सप्ताह से बाघ और तेंदुए का आतंक है। अब तक तीन बच्चों सहित चार लोग घायल हो गए हैं, लेकिन वन विभाग में कोई ठोस उपाय नहीं मिल रहा है। वन विभाग के प्रति व्यक्ति में आक्रोश भी पनप  रहा है।



 कथर्नियाघाट वन्य जीव विभाग के डीएफओ जीपी सिंह ने बताया कि बाघ के हमले में घायल बालिका के परिवार वालों को इलाज के लिए पांच हजार रुपये कैश दिया गया है। जल्द ही मुआवजा भी दिया जाएगा वन महकमे की टीमों को अलर्ट किया गया है। ग्रामीणों को भी सावधानी बरतने को  कहा गया है। उन्हें पटाखे भी दिए गए है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad