मशहूर न्यूक्लियर साइंटिस्ट और गोल्ड मेडलिस्ट डॉ यसवीर सूद (64) का शव शुक्रवार को उनके घर में सड़ी गली स्थिति में मिली थी। वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर के सरकारी क्वॉर्टर में रह रहे थे उनकी मौत करीब एक हफ्ते पहले हुई थी और उनके भाई हरीश (61) और बहन कमला (65) शव के साथ ही रह रहे थे। विएना में भाभा रिसर्च सेंटर का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ। सूद अपने फैमिली विशेष रूप से भाई-बहन को लेकर काफी चिंतित हैं। यहां तक कि पिता की मौत के बाद भाई-बहन की देखभाल के लिए उन्होंने शादी भी नहीं की थी
डिप्रेशन से घिरे भाई-बहन ...
-परिवार में हुए एक के बाद एक कई हादसों ने डॉ यशवीर सूद और उनके भाई बहन को अवसाद में ढकेल दिया पहले भाई-बहन अवसाद की शिकार हुई और अंत में डॉ सूद। इससे उनका पूरा परिवार समाज से कट गया और जब डॉ सूद की मौत हुई तो पड़ोसियों को लाश के सड़ने की सूचना मिली। डॉ। सूद के साथ काम करने वाले मुख्य तकनीकी अधिकारी ने बताया कि यशवीर सूद के पिता डॉ वेदप्रकाश सूद इस संस्थान में वैज्ञानिक थे। साल 1 974 में 54 साल की आयु में उनकी मृत्यु हो गई उसके बाद पिता की जगह यसवीर को नौकरी मिल गई, लेकिन पिता की मौत ने उनके छोटे भाई हरीश को अवसाद में ढकेल दिया था। उधर, बड़ी बहन कमला की 23 साल की उम्र में शादी हुई और तीन साल बाद ही टूट गई पिता का मौत और शादी टूटने के चलते वह भी गहरा अवसाद में चले गई थी
शोध के लिए गए विएना
न्यूक्लियर साइंटिस्ट डा। यसवीर को भाभा रिसर्च सेंटर ने अपनी परियोजनाओं के लिए देश का प्रतिनिधित्व करने विएना भेजा था। वहां उन्होंने जमीन के नीचे नमी का पता लगाने के लिए मशीन के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया था और यह सब काफी प्रभावित हुआ था। इतना ही नहीं इस प्रेजेंटेशन के बाद केंद्र ने उन्हें विएना स्थित सर्न (यूरोपीय अंतरिक्ष) एजेंसी में अनुसंधान करने के लिए गए थे। पूसा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डॉ। सूद ने भूमि के नमी को मापने के लिए एक यंत्र भी बनाया था
भाई-बहन का चल रहा इलाज
डॉ। सूद की मौत करीब एक हफ्ते पहले हुई थी। डॉ सूद के भाई हरीश और बहन कमला पिछले एक हफ्ते से उनके शव के साथ रह रहे थे सूचना मिलने के बाद पहुंचे इन्द्रपुरी थाना पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रखा और मृतकों की भाई बहन को इहबास अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज शुरू हो गया है। पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने कहा डॉ यशवीर प्रमुख वैज्ञानिक पद से 2015 में रिटायर होने का एक साल बाद परिसर में स्थित एनडीपीएल कर्मचारियों के लिए बने छोटे मकान में रहने लगे। सूद के साथ उनकी बड़ी बहन कमला और छोटे भाई हरीश भी रहते थे
भाई-बहन के लिए नहीं शादी
पूसा संस्थान में काम कर रहे डॉ। एन.पी. यादव ने बताया कि पूसा संस्थान में न्यूक्लियर साइंस विभाग में प्रिंसिपल साइंटिस्ट रहे थे, यशवीर ने गोल्ड मेडलिस्ट थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएमसी के और फिजिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट थे। उनके पिता वेद प्रकाश सूद भी पूसा संस्थान में वैज्ञानिक थे। पिता की मौत के बाद 23 साल की बहन कमला सूद, 19 वर्षीय भाई हरीश सूद की जिम्मेदारी ली डॉ। यशवीर सूद ने अपने पिता की मौत के बाद यशवीर के भाई हरिष मानसिक रूप से तनाव में चले गये थे। 23 साल की उम्र में बहन कमला की शादी हुई और जल्द ही तलाक भी हो गया। वह भी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया यादव ने कहा कि परिवार की जिम्मेदारी के कारण से डॉ। यशवीर ने शादी नहीं की वह अपनी माँ के बेहद करीब है साल 2009 में 90 साल की उम्र में मां की मौत हो गई थी बाद में उन्हें सदमा लगा और वह भी डिप्रेशन में चले गये थे
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