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Saturday 23 September 2017

10 साल की एक रेप विक्टिम ने पिछले महीने बच्ची को जन्म दिया

नई दिल्ली चंडीगढ़ में 10 साल के नाबालिग से रैप मामले में नया मोड़ आ गया है। विक्टम् ने जिस बच्ची को जन्म दिया, उसके डीएनए रैप के आरोप में अरेस्ट किये गए शख्स से मैच नहीं हो रहा है। चंडीगढ़ राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सेक्रेटरी ने शुक्रवार को यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी । स्टेटस रिपोर्ट में अथॉरिटी ने कहा कि इस मामले में एक और व्यक्ति को अरेस्ट किया गया  है। बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने रैप विक्टिम को ऑपरेशन कराने की  इजाजत नहीं दी । पिछले महीने उसने एक बच्ची को जन्म दिया

 अब क्या एक्शन लीया  जाए ...

- लीगल सर्विस अथॉरिटी ने जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता के बेंच से कहा कि इस मामले में दोनों आरोपियों के फ्रेश डीएनए सैंपल फॉरेंसिक एग्जामिनेशन के लिए दो अलग-अलग लेबोरेटरीज में भेजे जाएंगे।

- एमीकस क्यूरी इंदिरा जय सिंह ने एससी से कहा, "नाबालिग विक्टिम की स्थिति अब स्थिर है और उसे कंसलिंग दे रही है।उसके पोषण का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है 


कौन है असली गुनहगार?

- इंदिरा जय सिंह ने प्राधिकरण की स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "अब सवाल ये उठता है कि असली गुनहगार कौन है? पुलिस को असली गुनहगार का पता लगाना चाहिए।इसमे कोई  शक नहीं है कि बच्चे का जन्म नाबालिग के साथ रेप करने की वजह से हुआ है।


फेश डीएनए रिपोर्ट पर क्या बहस हुई?

लीगल सर्विस अथॉरिटी: दोनों आरोपियों के डीएनए सैम्पल के लिए एक्ज़िमनेशन भेजे गए हैं। 2-3 महीने में टेस्ट रिपोर्ट आ जायेगी । '

सुप्रीम कोर्ट: डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में दो सप्ताह मे मिल गयी थी  इतने समय क्यों लग रहा है?

लीगल सर्विस अथॉरिटी: हरियाणा और पंजाब में इस तरह की रिपोर्ट आने में बहुत समय लगना आम बात है। हालांकि, हमने  विशेष अनुरोध की है, ताकि रिपोर्ट जल्दी मिल जाए।

सुप्रीम कोर्ट: जिन लेबोरेटरीज में सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, वहां प्रोसेस में तेजी लाए जाए इसके अलावा बेंच ने कहा कि ट्रायल जज इस बारे में आवश्यक आदेश पास करें। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगा

क्या है मामला?

- चंडीगढ़ में 10 साल की लड़की से मामा ने रैप किया था। लड़की के  पेट में दर्द हुआ और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया पता चला कि वह 3 महीने की  प्रेगेंट थी ।

- हॉस्पिटल में उसका काउंसलिंग हुआ तो पता चला कि उसके साथ मामा ने 6 से 7 बार रैप किया। इसके बाद  ने आरोपी को गिरफ्तार किया, जबकि लड़की को देखरेख के लिए अस्पताल में ही रखा गया ।

एससी ने अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी

- लड़की की फैमिली ने जुलाई महीने में अबॉर्शन के लिए चंडीगढ़ कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली। बाद में फैमिली सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन 32 हफ्ते की प्रेग्नेंसी होने के चलते यहां भी निराशा ही हाथ लगी। बता दें कि 26 हफ्ते के बाद कोर्ट की इजाजत के बगैर अबॉर्शन गैरकानूनी है।

  • - पीजीआई के मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि अबॉर्शन से लड़की और उससे पेट में पल रहे बच्चे को खतरा हो सकता है। डॉक्टरों की देखरेख पर संतोष जाहिर करते हुए सीजेआई जस्टिस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने पिटीशन खारिज कर दी।








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