सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में मंगंलवार को एक अनोखी शादी हुई। इस शादी में दुल्हन ने आठवें फेरे के रूप में अंगदान और देहदान का वचन दिया और लिया। इतना ही नहीं उसने अपनी शादी के इनविटेशन कार्ड पर भी इस संकल्प का संदेश छपवा रखा था। आखिर शादी भी पूर्व निर्धारित शर्त के मुताबिक तब जाकर संपन्न हुई, जब दुल्हन को लेने आए बरातियों ने अंगदान और देहदान का प्रण ले लिया। इस अनोखी परंपरा को चलाने वाली बेटी की कहानी बड़ी मार्मिक है। दरअसल सहेली की मौत के बाद भावुक होकर इसने इस मुहिम की शुरुआत की थी। पिता हैं बुजुर्गों की सेवा को समर्पित, चलाते हैं आश्रम...
बता दें कि मूल रूप से रोहतक जिले के गांव निरथान के रहने वाले आनंद कुमार 1998 से सोनीपत में रह रहे हैं और यहां एक वृद्धाश्रम चलाते हैं। साथ ही वर्षों से लोगों को अंगदान व देहदान के लिए जागरूक कर रहे आनंद कुमार आधा दर्जन लोगों के अंग व देहदान करवा चुके हैं, जिसमें उनकी माता भी शामिल हैं।
आनंद बताते हैं कि इस मुहिम के पीछे उनकी आज ब्याही गई बेटी शिवानी की प्रेरणा काम कर रही है।
वहीं शिवानी का कहना है कि जब रोहतक के गांव कंसाला में वह अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी तो छोटी नामक एक लड़की उसकी सहेली बनी।
किसी बीमारी के चलते छोटी सहेली का एक अंग खराब हो गया। परिजनों की लाख कोशिशों के बाद भी बदलने के लिए अंग नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई।
सहेली की मौत से शिवानी काफी दुखी हुई थी। यही दुख प्रेरणा में तब्दील हुआ और शिवानी ने लोगों को अंगदान करने-कराने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया।
कार्ड पर छपवाया था अंगदान-देहदान के संकल्प संबंधी संदेश
खास बात यह है कि शादी के कार्ड पर भी अंगदान व देहदान के लिए प्रेरित करने वाले संदेश छपवाए गए थे। कार्ड में लिखा गया कि शरीर के नौ अंगों का दान हो सकता है। शरीर के नौ अंग मृत्यु के बाद दान किए जा सकते हैं। इससे 28 प्रकार के रोगियों को बेहतर जीवन मिल सकता है।
आंख, लिवर, किडनी, लंग्स, हार्ट, स्किन आदि का भी दान किया सकता है। जिन लोगों का लिवर कैंसर, हैपेटाइटिस आदि बीमारियों से खराब हो गया है, उनके लिए यदि एक व्यक्ति लिवर दान करता है तो यह तीन लोगों के लिए काम आ सकता है। त्वचा का दान किया जाए तो उसे पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है और यह तेजाब के शिकार या आग से जले लोगों के काम आ सकती है।
बेटी ने लिया आठवां फेरा, बराती भी बने मिसाल
शिवानी की इस अनोखी मुहिम से बहुत लोग जुड़ चुके हैं, वहीं अब उसने शादी के सात फेरों के साथ अपने पति को आठवें वचन अंगदान के लिए राजी किया है। दूल्हे के अलावा बरातियों ने भी अंगदान करने का वचन देकर मिसाल पेश की है।
अब बात आंकड़ों की: भारत में हर साल 5 लाख लोगों की मौत
एक अनुमान के अनुसार भारत में हर साल लगभग पांच लाख लोगों की मृत्यु केवल अंगों के नाकाम होने के कारण होती है। इसमें दो लाख लोग लिवर खराब होने, डेढ़ लाख लोग किडनी और 50 हजार लोग हार्ट फेल होने जाने से मर जाते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि मोटे तौर पर हर साल डेढ़ लाख लोगों को किडनी की जरूरत पड़ती है, लेकिन केवल पांच हजार को ही मिल पाती है। जरूरत ज्यादा और उपलब्धता कम होने की वजह से ही अवैध तरीके से अंग हासिल करने के लिए मानव तस्करी, बच्चों के गुम होने और अवैधानिक तरीके अपनाने जैसे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
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