लुधियाना (पंजाब)यहां एक प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगने और इमारत के ढह जाने से अब तक 13 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की तादाद में इजाफा हो सकता है। आग लगने के बाद पांचवीं मंजिल पर स्थिति इस फैक्ट्री में तीन ब्लास्ट हुए। तीसरे ब्लास्ट के बाद इमारत ढह गई। मौके पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और फैक्ट्री वर्कर्स समेत 30 लोग मौजूद थे। सभी मलबे में दब गए। हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी घटनास्थल का दौरा कर बचाव कार्यों का जायजा लिया।
राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए सरकारी कर्मचारियों को 10 लाख रुपए और अन्य नागरिकों को 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
मरने वालों में 6 फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और 6 फैक्ट्री के वर्कर्स समेत बाहरी लोग मौजूद, जो राहत कार्य में मदद के लिए पहुंचे थे।
प्लास्टिक फैक्ट्री में ऐसे हुआ था हादसा
सोमवार सुबह पौने 7 बजे सूफियां चौक के पास स्थित जनकपुरी इलाके में प्लास्टिक का सामान बनाने वाली फैक्ट्री की 5 मंजिला इमारत में आग लग गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 25 गाड़ियों ने सुबह 10.30 बजे तक आग पर काबू पा लिया था। लेकिन फिर 11 बजे इमारत की सेकंड फ्लोर में रखे केमिकल से भरे ड्रमों में विस्फोट हुआ और आग फिर से भड़क गई। बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। इसके बाद फिर 11:15 बजे सेकंड फ्लोर पर ही रखे ड्रमों से दूसरा विस्फोट हुआ। दोपहर 12.30 बजे इसी फ्लोर पर तीसरा विस्फोट हुआ, तो 5 मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। विस्फोट से पास की 2 दूसरी फैक्ट्रियां भी ढह गईं।क्या कहती है पुलिस?
सिधौली के इंस्पेक्टर राजवीर ने बताया कि हम उसे 100 से 200 रुपए अलग से दे देते हैं। थाने के दारोगा उससे कुछ काम करवा लेते हैं, तो कुछ पैसे वे दे देते हैं। साथ ही थाने के कुछ कॉन्स्टेबल भी उसकी मदद कर देते हैं। इससे उसका घर खर्च चलता रहता होगा।उन्होंने बताया कि प्रदेश में जितने भी स्वीपर थाने की सफाई करते हैं, उन सभी को 600 रुपए ही पगार मिलती है। बस इंसानियत के नाते थाने के लोग उनकी मदद अलग से करते रहते हैं।
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