इंदौर। खरगोन के टांडाबरुड़ क्षेत्र की 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार रात अस्पताल में ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों स्वस्थ हैं। परिजनों का कहना है फिलहाल वे नवजात को अपने साथ रखेंगे और कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। गौरतलब है कि आठ महीने पहले मासूम को डरा-धमकाकर उसके चचेरे भाई ने अपनी हवस का शिकार बनाया था।
पीड़िता की नि:शुल्क कानूनी मदद कर रहे वकील राजेंद्र परमार ने बताया कि मंगलवार को दर्द होने पर उसे दोपहर में जिला अस्पताल लाए। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे भर्ती कर लिया। शाम 5 बजे उसे ऑपरेशन थिएटर ले गए। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करना खतरा बताकर इंदौर रैफर कर किया। डॉक्टरों के मुताबिक 20 दिन पहले जांच में गर्भस्थ शिशु के फेफड़े विकसित नहीं हो पाने की रिपोर्ट आई है। दोनों की जान को खतरा बताया और कहा कि नाबालिग का सीजेरियन डिलेवरी होगी। इंदौर में इलाज की राशि नहीं होने से परिजनों ने जिला अस्पताल में ही इलाज के लिए सहमति दी। रात 9 बजे मासूम ने ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया।
अंतरिम राहत राशि नहीं मिली
राजेंद्र परमार ने बताया 5 सितंबर को कोर्ट में अंतरिम राहत के लिए आवेदन किया था। यहां एक माह बाद 5 अक्टूबर को 10 हजार रुपए राशि देने का आदेश दिया। 15 दिन बाद 10 हजार रुपए की एफडी हुई। वकील ने बताया एफडी की राशि एक साल बाद मिलेगी। परिजनों को तत्काल राशि नहीं मिली।
यह है पूरा मामला
खरगोन से टांडाबरूड़ में अगस्त माह में 12 साल की एक नाबालिग को करीब छह महीने की प्रेग्नेंसी का मामला सामने आया था। दुष्कर्मी उसी का रिलेटिव है। परिजनों ने पुलिस को शिकायत कर गर्भपात पर अड़े थे, जबकि डॉक्टरों ने पीड़िता और नवजात की जान को खतरा बताया था। इसके बाद परिजन कोर्ट पहुंचे थे।
ऐसे हुआ था खुलासा
12 साल की नाबालिग ने बताया था कि वह घर के पीछे रहने वाले आरोपी लखन की किराना दुकान पर सामान लेने गई थी। यहां लखन ने अंदर बुलाकर दरवाजा बंद किया और धमकाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी ने लड़की की चुप्पी का फायदा उठाकर कई बार दुष्कर्म किया। बच्ची जब अपने बुआ के घर गई और वहां उसका पेट दर्द हुआ तो पूरा मामला सामने आया।
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