Doctor Refuses To Give Child's Dead Body To Parents - iTOP News

Breaking News

Post Top Ad

Monday, 14 August 2017

Doctor Refuses To Give Child's Dead Body To Parents

बच्चे की लाश देने से किया माता-पिता को इंकार




यूपी में गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में 60 बच्चों समेत 64 लोगों की मौत से माहौल गमगीन है। लोग अपने बच्चों के लिए इन्सेफ्लाइटिस वॉर्ड के सामने बैठकर रो रहे है। डॉक्टरों ने लोगों से कहा कि बिहार के गोपालगंज के रहने वाले राजभर के घर अभी 4 दिन पहले ही बच्ची का जन्म हुआ था। परिवारवालों ने बच्ची का नाम गुड़ि‍या रखा था लेकिन 2 दिन बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गई। बेहतर इलाज की उम्मीद लिए राजभर अपनी बच्ची को लेकर गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज चले आए।

किसी तरह से गुरुवार रात 3 बजे उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया लेकिन शुक्रवार शाम 6 बजे उसकी मौत हो गई। राजभर का आरोप है कि बच्ची की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। यहां तक डॉक्टर ने मौत की बात परिजन से छुपाए रखी। लेकिन 30 मौतों के बाद जब हॉस्पिटल में हड़कंप मचा तो राजभर को बच्ची सौंप कर पुलिस की निगरानी में उसे बिहार की ट्रेन पकड़ने का फरमान सुना दिया गया। ऐसी एक नहीं अनगिनत कहानियां बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफ्लाईटिस वार्ड में भरी पड़ी हैं। बच्चों की बॉडी तभी मिलेगी, जब मंत्रीजी चले जाएंगे।

कुछ ऐसा ही हाल कुशीनगर से आए लोरिक यादव का है। उन्होंने कहा, ''अभी 15 दिन पहले बच्चे का जन्म हुआ था। तबीयत खराब हुई तो कुशीनगर में डॉक्टर को दिखाया तो कहा कि गोरखपुर ले जाओ।'' ''हम तो अपने पोते को सही कराने लाए थे लेकिन इन्होंने तो उसकी डेडबॉडी ही सौंप दी। 10 दिन हमने खूब भाग-दौड़ की लेकिन कल शाम से डॉक्टर हमें कुछ नहीं बता रहे थे। सुबह-सुबह हमें बताया कि तुम्हारा बच्चा नहीं बच पाया। अब हम कहां जाए।''

सिद्धार्थनगर के रामसकल को बेटी की मौत के बाद भी वीआईपी कल्चर का सामना करना पड़ा। रामसकल की 15 दिन की बेटी की सुबह 8 बजे ही सांसे थम गई थी लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची के पिता से कहा- 'जब मंत्री जी चले जाए तब आना।'  इसके बाद शाम 5 बजे माता-पिता को उसके बच्चे की बॉडी मिली। रामसकल ने कहा, ''मेरी 15 दिन की बेटी को स्थानीय डॉक्टर्स ने बताया कि निमोनिया हो गया है।ऐसे में हम उसके बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज आए थे, लेकिन उन्होंने हमें अपने बच्चे की लाश के लिए भी तरसा दिया।'' ''डॉक्टर्स ने सुबह हमें वार्ड से बाहर कर दिया था तो बगल के बेड वाले ने दोपहर में बताया- तुम्हारी बेटी सुबह ही मर चुकी है। जब हम बॉडी मांगने पहुंचे तो हमें कहा गया- मंत्री जी चले जाएंगे तब बेटी को ले जाना।'' महाराजगंज के विजय का 4 दिन पहले दूसरा बेटा पैदा हुआ था। घर में खुशी थी लेकिन डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की तबीयत ठीक नहीं। वह रो नहीं रहा है तो विजय अपने पिता मंगरू के साथ बच्चे को बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले आया।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad