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Tuesday 7 November 2017

दिल्ली में पीएम 2.5 और 10 का लेवल 15 गनुा तक बड़ा।



नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर की हवा बुधवार को भी खतरनाक लेवल पर है। स्मॉग बना हुआ है। स्कूलों में पांचवी क्लास तक की छुट्टी कर दी गई है। 7 नवंबर दिल्ली के इतिहास का सबसे प्रदूषित दिन रहा। मंगलवार सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक पीएम 2.5 का मैक्सिम लेवल सभी स्टेशनों पर 500 के पार था। मैक्सिमम लेवल 1556 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली का पॉल्यूशन लंदन और टोक्यो के सालाना एवरेज से 100 गुना ज्यादा है। स्मॉग बढ़ने की 5 वजहें हैं, जिसमें एग्रीकल्चरल बर्निंग शामिल है।

टोक्यो से भी 100 गुना ज्यादा पॉल्यूशन

दिल्ली का पॉल्यूशन दुनिया के सबसे प्रदूषित बड़े शहरों में शामिल लंदन और टोक्यो के सालाना एवरेज लेवल से करीब 100 गुना ज्यादा है। वहीं, पेरिस के पीएम 2.5 लेवल से करीब 85 और बीजिंग से 18 गुना ज्यादा है। लंदन और टोक्यो का औसत पीएम 2.5 लेवल 15, पेरिस का 18 और बीजिंग का 85 है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया में पिछले 5 साल में एयर पॉल्यूशन का लेवल 13% बढ़ा है। वहीं, चीन ने 5 साल में बीजिंग में एयर पॉल्यूशन का लेवल 5% कम किया है।

दिल्ली में 5 साल में 13% तक हवा पॉल्यूटेड हुई, बीजिंग में पॉल्यूशन का लेवल 5% बेहतर हुआ।


हर साल भारत में पॉल्यूशन के चलते 25 लाख लोगों की जान जाती है

लैंसट के मुताबिक भारत में हर साल 25 लाख मौत पॉल्यूशन के चलते होती हैं। दिल्ली में करीब 44 लाख बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें आधे बच्चों को दिल की बीमारी का खतरा है।

डब्लयूएचओ के मुताबिक, भारत में पिछले 5 साल में 8 गुना बाहरी हवा खराब हुई है।

एशिया में ईरान के जबोल में पीएम-2.5 का औसत लेवल सबसे ज्यादा 217 है।

पीएम 2.5 बढ़ने से दिल की बीमारी और कैंसर का खतरा

पीएम 2.5 बेहद माइक्रो पार्टिकल्स होते हैं, जो नजर नहीं आते। यह सांस लेते समय फेफड़ों और हृदय की धमनियों में चले जाते हैं। इससे कैंसर और दिल की बीमारियों का खतरा होता है। पीएम 10 धूल के कणों का मिश्रण होता है। यह शरीर में सीधे नहीं पहुंचते।

इन 5 वजहों से बढ़ रहा दिल्ली-एनसीआर का पॉल्यूशन लेवल

1. एग्रीकल्चरल बर्निंग पर नहीं लग रही रोक

द एनर्जी रिसोर्सेज एंड इंस्टीट्यूट के एसोसिएट डायरेक्टर सुमित शर्मा ने बताया कि एग्रीकल्चरल बर्निंग पर रोक नहीं हो पा रही है। नवंबर के समय हर साल पंजाब-हरियाणा में क्रॉप बर्निंग देखी जा रही है।

ये करना होगा

किसानों को पराली के जलाने के बजाय दूसरा ऑप्शन देना बेहद जरूरी है। कुछ किसानों को सीडर मशीनें भी दी गईं, जिनसे वह फसलों के अवशेषों को जलाने की जगह इस मशीन के जरिए फसलों के अवशेषों को मिट्टी में घोला जा सकता है। यह उपजाऊ फसलों के लिए भी कारगर साबित होगा।


2. जरूरत 10 हजार बसों की, हैं सिर्फ तीन हजार

दिल्ली में 10 हजार से ज्यादा बसों की जरूरत है। लेकिन सरकार के पास सिर्फ 3 हजार बसें ही हैं। लोग इसलिए विकल्प तलाशते हुए प्राइवेट वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं।

ये करना होगा

दिल्ली सरकार की तरफ से बसों की संख्या को बढ़ाना जरूरी है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि दिल्ली के सभी रूटों में बसों की फ्रीक्वेंसी में भी सुधार किया जाए।


3. दस साल पुरानी तकनीक से हो रही वाहनों की जांच

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से जो पीयूसी जारी किया जाता है, उसकी तकनीक 10 साल पुरानी है। इस कारण वाहनों को जारी किए गए सर्टिफिकेट के बाद भी वाहनों से प्रदूषण वातावरण में फैल रहा है।

रोकथाम का तरीका

तकनीक पुरानी होने की वजह से सबसे पहले नए इंस्पेक्शन एंड मेंटेनेंस सेंटर बड़े स्तर पर बनाने की जरूरत है। इसमें वाहनों की एडवांस्ड टेस्टिंग करते हुए पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए जा सकेंगे। अभी सही तरीके से पॉल्यूशन को इनमें मापा नहीं जा रहा है।

4. रोड डस्ट और कंस्ट्रक्शन साइटों से निकलता पॉल्यूशन कंट्रोल में नहीं आ रहा

रोड डस्ट और कंस्ट्रक्शन साइटों पर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए वैक्यूम क्लीनिंग मशीनें ज्यादा से ज्यादा खरीदने की जरूरत है। दिल्ली में इन दोनों कारणों से ही 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रदूषण का स्तर दर्ज हो रहा है। इसे कंट्रोल करने के सरकार को लॉन्ग टर्म प्लान बनाने की जरूरत है।

5. इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन एनसीआर की आबोहवा को 35% तक खराब कर रहा है

पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 20 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां चल रही हैं। इससे दिल्ली में 35 फीसदी तक पॉल्यूशन बढ़ रहा है। इमरजेंसी की नौबत आने के बाद ही दिल्ली में इसकी रोकथाम के लिए प्लानिंग की जाती है।

हरियाणा और दिल्ली सरकार आमने-सामने

केजरीवाल ने दिल्ली के प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों के पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया। इससे हरियाणा के दो मंत्री भड़क गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण पूरे साल रहता है। दिल्ली सरकार को दूसरे राज्यों पर आरोप लगाने से पहले अपने खुद के कारणों पर ध्यान देना चाहिए। वहीं शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रदूषण तो खुद केजरीवाल की वजह से फैल रहा है। वह मामले में राजनीति कर रहे हैं।

अगले दो दिनों तक बनी रहेगी धुंध और स्मॉग जैसी स्थिति

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी ए. सुधाकर ने बताया- "दिल्ली में अगले दो दिनों तक धुंध और स्मॉग जैसी स्थिति बनी रह सकती है। इसकी अहम वजह पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्रॉप बर्निंग है। वहीं, वातावरण में निचले स्तर पर हवा बिल्कुल नहीं चल रही है।"

 "उत्तर की दिशा से सूखी हवाएं पहुंच रही हैं। पूर्वी दिशा से हवाएं नमी लेकर दिल्ली आ रही हैं। ये दोनों एक हजार मीटर तक की ऊंचाई पर मिल रही हैं। इससे धुंध के साथ प्रदूषित पार्टिकल्स मिल रहे हैं। मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर अगले 10 दिनों में पश्चिमी दिशा से हवाएं दिल्ली की तरफ पहुंचेंगी। वहीं, पंजाब में 20 नवंबर तक पराली जलाने का सिलसिला जारी रहेगा। एेसे में आशंका है कि प्रदूषण फिर दिल्ली पहुंच सकता है।"



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