दस साल की बच्ची से रैप के मामले में नया मोड़ आ गया है। अभी तक इस मामले में बच्ची के मामा कुल बहादुर को ही आरोपी और नवजात बच्ची का पिता माना जा रहा है है। लेकिन डीएनए रिपोर्ट में नवजात बच्ची का डीएनए आरोपी कुल बहादुर से मैच नहीं हुआ है। डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक कुल बहादुर नवजात बच्ची का पिता नहीं है।
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मंगलवार को यूटी एसएसपी को इस संबंध में ऑफिशियल लेटर भेजा है जिसमें डीएनए रिपोर्ट के नेगेटिव आने का जिक्र किया गया है। कोर्ट ने यूटी पुलिस को इस केस के दोबारा जांच करके आंकड़े रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वहीं, मंगलवार को इस केस में मालखाना मुंशी के बयान दर्ज किए गए थे। इसके अलावा 15 सितंबर को इस केस की आईओ को दर्ज कराए जाने के लिए समन भेजा गया है। बच्ची ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान में कहा कि मामा ने उसे गलत काम किया है बच्ची ने ट्रायल शुरू होने के बाद भी गवा ही में मामा की पहचान की थी कुल बहादुर के खिलाफ पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दर्ज की गई उनके विरुद्ध आरोप भी तय हो चुके हैं
माँ ने भी कहा- किसी और ने नहीं किया बेटी से रैप
डीएनए रिपोर्ट आने के बाद एक तरफ जहां बच्चा का परिवार मामा कुल बहादुर को ही आरोपी बता रहा है, वहीं चंडीगढ़ पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की है। पुलिस मंगलवार को दोबारा बच्ची के घर पहुंचा। यहां बच्ची , उसकी बहन और माँ से बात कि गई पुलिस ने मुताबिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि केवल कुलबहादुर ने ही बच्ची के साथ रैप किया है। दोनों ने किसी और का नाम नहीं लिया। वहीं, पुलिस मान रही है कि कुल बहादुर के अलावा हो सकता है कि किसी और ने भी बच्ची के साथ रैप किया हो
दोबारा पिता से लिखवाएंगे आवेदन
यूटी पुलिस अब लीगल राय लेने की तैयारी कर रही है इसके लिए बुधवार को डीए \लीगल लिखा जाएगा। लीगल ओपीनियन ली जाए कि केस को स्ट्रॉन्ग कैसे रखा जाए और दो बार डीएनए नमूना लेकर उनकी सीएफएसएल जांच की जाए। लीगल ओपीनियन आने के बाद पुलिस बच्ची के पिता से एप्लिकेशन लिखवाएँगी कि वह इस डीएनए रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है, इसलिए डीएनए नमूने दोबारा लिए जाए ।
काउंसिलिंग भी हो
पुलिस के मुताबिक बच्ची की दोबारा काउंसिलिंग करवाई जाए। काउंसिलिंग के दौरान कोशिश की जाए कि यह सामने आ जाये कि बच्ची के साथ मामा के अलावा कोई अन्य व्यक्ति तो रैप नहीं कर रहा है। पुलिस के सामने कई प्रश्न हैं, लेकिन कुल बहादुर पर आरोप तक तय हो चुके हैं इसलिए पुलिस ने कुछ नहीं कह रहा है।
इस केस में लीगल ओपीनियन लेगे। डीएनए रिपोर्ट के बाद हम इन्वेस्टिगेशन दोबारा शुरू किया है बच्ची का कंसिलिंग करवाई जाएगी । ओपीनियन के बाद हम डीएनए सैंपल भी दोबारा सीएफएसएल भिजवाएंगे- दीपक यादव, डीएसपी साउथ
मौजूदा केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता
जिला अदालत के एडवोकेट तरिमिदर सिंह के अनुसार अगर डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव आ भी हो तो क्या यह मौजूदा केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता। बच्चा आरोपी मामा को कोर्ट में पहचान है इस तरह के आरोपों से इनकार नहीं किया जा सकता है पुलिस को बच्चा के कंसलिंग के साथ ही केस का रीइन्वेस्टिगेशन करनी चाहिए।
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