नई दिल्ली: 'भगवान दुश्मन को भी ऐसा दिन न दिखाए जैसा हमने देखा', ये कहना है उन बच्चों का जिनकी माँ की डेड बॉडी पिछले तीन दिनों से घर पर पड़ी है। दरअसल, इस परिवार के पास पैसों की तंगी इतनी है कि वह घर पर पड़ी है माँ की लाश का अंतिम संस्कार कर सकें । यह दर्दनाक तस्वीर उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर की है जहां प्रशासन की उदासीनता और इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है।
यहां पर गरीब बच्चों को तीन दिन तक पैसे नहीं होने के कारण उनकी मृत मां के शव का अंतिमसंस्कार तक नहीं हो सकता है । पैसो की तंगी के कारण बच्चों ने शव को तीन दिन तक घर में रखा था बताया जा रहा है कि 1 हजार रुपए नहीं होने के कारण बच्चे के मां की शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता है।
यहां पर गरीब बच्चों को तीन दिन तक पैसे नहीं होने के कारण उनकी मृत मां के शव का अंतिमसंस्कार तक नहीं हो सकता है । पैसो की तंगी के कारण बच्चों ने शव को तीन दिन तक घर में रखा था बताया जा रहा है कि 1 हजार रुपए नहीं होने के कारण बच्चे के मां की शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक शाहजहांपुर की जुमका गांव में गीता देवी अपनी 4 बेटियों के साथ रहती हैं। जिसकी सांप काटने से मृत्यु होगई थी महिला की मौत के बाद जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो वहां उनके परिजनों से 5 हजार रुपए की मांग की गई पैसे न देने कीवजह से गीता देवी का इलाज नहीं हो पाया और उनकी मृत्यु हो गई महिला की मौत के बाद जब उनकी पति अपनी मालिक से अंतिम संस्कार के लिए 1 हजार रुपये मांग की गई तो उसने अस्वीकार किया। इसके बाद गीता देवी के पति और उनकी बेटियां 4 दिनों के शव को घर में बैठे बैठे हुए थे।
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