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Tuesday, 22 August 2017

अम्मा कही जाने वाली बूढ़ी महिला को डायन बता किया कमरे में बंद





New Delhi: 20 दिन बाद जब बूढ़ी मां रामकन्या कमरे से बाहर निकली तो पहले 10 मिनट तक सिर पकड़कर बैठी रही, बिलखती रही, बोली- मुझे बचा लो मैं डायन नहीं हूं।
भीलवाड़ा जिले के भौली गांव में फिर डायन का डर फैल रहा है। यहां एक बूढ़ी महिला को डायन बताकर उसे 20 दिन से एक कमरे में बंद रखा गया है। जो गांववाले अम्मा कहते थे, वे लोग अब  उसे डायन कहने लगे हैं।




 अम्मा  ी ये कहानी पढ़कर वाकई आपके भी आंख से आंसू निकल जाएंगे।  भौली गांव में टूटा-फूटा पुराना घर। उसमें छह बाई चार की एक अंधेरी कोठरी। इस कोठरी पर दो ताले जड़े थे। कमरे में रामकन्या जिंदा लाश की तरह पड़ी थी। चारपाई के नीचे सूखी रोटियों का ढेर लगा था। दरवाजे का ताला खुलते ही पुलिस देखकर कांपने लगी थी।जब पुलिस ने उसे कमरे से बाहर निकलने की बात कही तो पहले वह खुद को संभाल नहीं पाई और इतना सुनकर 10 मिनट तक फूट-फूटकर रोने लगी। 10 मिनट तक तो मुंह से बोल नहीं निकले। एसडीएम से लिपटकर बोली- मुझे बचा लो। मैं डायन नहीं हूं। ये लोग मुझे मार डालेंगे। 



आपको बता दें कि बूढ़ी मां के दिल दहला देने वाले हालात देखकर हमीरगढ़ एसडीएम रेणु मीणा और महिला पुलिसकर्मी मंजू भी रो पड़ीं। महिला पुलिसकर्मी ने उससे कमरे में कैद होने की वजह पूछी। रामकन्या ने अपनी व्यथा शुरु की। रामकन्या बोली- 3 अगस्त को सुबह 10 बजे मैं पति के साथ घर के बाहर बैठी थी। तभी गांव के शिवराज जाट, उसका भतीजा सुनील और मुकेश गालियां देते हुए आए। बोले- डायन तू हमारी बहन पूजा को खा रही है। तुझे तो आज जान से मारेंगे। यह सुनते ही मैं घर में घुस गई। बीच-बचाव करने आए पति भैरूलाल को मार-मारकर अधमरा कर दिया। मुंह और सिर से खून बह रहा था।



रोने-चीखने की आवाज सुनकर मेरे बेटे जगदीश, संपत और महावीर भी आ गए। उन्होंने पैर पकड़कर पिता को छोड़ने की कोशिश की तो उन्होंने कहा - तेरी मां डायन है। इसे गांव से बाहर निकाल दो, नहीं तो घर को आग लगाकर पूरे परिवार को जला देंगे। उसके बाद मेरी जिंदगी इस अंधेरे में कैद हो गई। आज 20 दिन बाद मैंने रोशनी देखी है। इतने दिन इसी कमरे में शौच और पेशाब किया। पिछले 15 दिन से अन्न का एक निवाला नहीं खाया। दिमाग में हर वक्त बस यह ख्याल रहता है कि आखिर मैंने ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि जिसकी मुझे इतनी बड़ी सजा दी। 




दरअसल, दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक हुआ यूं कि दबंगों की बेटी जिस रास्ते स्कूल जाती है, वहीं है उसका मकानदेवीलाल जाट की बेटी पूजा 9वीं कक्षा में पढ़ती है। स्कूल के रास्ते में रामकन्या का घर है। एक महीने पहले पूजा बीमार हो गई। घरवाले उसे भोपे के पास ले गए। भोपे ने कहा- इसे डायन खा रही है। भोपे की इस बात पर उनका शक रामकन्या पर गया, क्योंकि उसका घर स्कूल के सबसे पास है।




गर्मी में वह टूटे-फूटे घर बाहर बैठी रहती है। बस फिर क्या था शक के आधार पर रामकन्या को डायन बताकर 20 दिन से कमरे में कैद करके रखा गया था। महिला की हालात इतनी गंभीर हो चुकी थी कि डॉक्टर ने भी उसे देखकर ये कह दिया कि हम हैरान हैं कि आखिर ये जिंदा कैसे बच गई ?  इसकी हालत बहुत खराब है। फिलहाल इलाज के बाद रामकन्या की हालत में सुधार हुआ है। 

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