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Thursday, 25 May 2017

Qatil Haseena, इस कातिल हसीना को मिली है 3 बार मौत की सजा

इस कातिल हसीना को मिली है 3 बार मौत की सजा,

नेहा वर्मा और उसके दो साथियों को इंदौर की सेशन कोर्ट ने तीन बार फांसी की सजा सुनाई थी। किसी लड़की को तीन बार फांसी की सजा सुनाई गई, यह देश का पहला मामला है।

हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा है। अभी नेहा इंदौर की जेल में सजा काट रही है। उसकी फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया है, जहां उसकी अंतिम सुनवाई अभी होनी बाकी है।




19 जून 2011 को श्रीनगर में रहने वाले बैंक अधिकारी निरंजन देशपांडे की पत्नी मेघा (45), बेटी अश्लेषा (23) और सास रोहणी फड़के (70) को अज्ञात लोगों ने मौत के घाट उतार दिया था। दिनदहाड़े हुई इस घटना से पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई थी। कुछ दिनों बाद पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

इनमें मुख्य भूमिका नेहा वर्मा (23) ने निभाई। और उसने अपने प्रेमी राहुल उर्फ गोविंदा चौधरी (24) और उसके दोस्त मनोज अटोदे (32) की मदद से वारदात को अंजाम दिया। इंदौर के इतिहास मैं यह पहली वारदात थी जिसमें लूट और तिहरे मर्डर के मामले में एक लड़की क़ानून के शिकंजे में आई थी।

Neha verma Qatil haseena, iTOP Reporters

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कि देशभर की आठ महिला कैदियों को इंटरनेशनल वुमन डे पर अवार्ड दिया गया है। जिसमें नेहा वर्मा भी शामिल है।
तिनका-तिनका फाउंडेशन की तरफ से अवार्ड दिया गया यह अवार्ड विदेश मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश्वर मूले द्वारा जारी किया है।
नेहा ने जेल में रहते हुए जरदौजी की कला सीखी और सिखाई है। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीखा और दूसरी महिला बंदियों को साफ सुथरा रहना सिखाया है।


Neha verma Qatil haseena, iTOP Reporters
पूछताछ में नेहा ने बताया था कि वह और रोहित एक-दूसरे से प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे। पैसा नहीं होने की वजह से वे शादी नहीं कर पा रहे थे।
घटना के लगभग 2 महीने पहले शहर के एक शॉपिंग माॅल में नेहा की मुलाक़ात मेघा से हुई थी। उसे यह पता था कि मेघा के पति बड़े अधिकारी हैं और उनके घर में बेटी अश्लेषा, मेघा और उनकी मां के अलावा और कोई नहीं रहता। नेहा ने यह बात रोहित को बताई और उसके घर डाका डालने की योजना बनाई। नेहा ने घर की रेकी की।
Neha verma Qatil haseena, iTOP Reporters

रविवार को नेहा एक मार्केटिंग कंपनी का फार्म भरवाने मेघा के घर पहुंची थी और वहां सबकुछ सही देख उसने वहां से रोहित को फोन करने बुला लिया। राेहित और मनोज ने घर के भीतर दाखिल होते ही सबसे पहले मेधा को गोली मारी। गोली की आवाज सुन जब अश्लेषा और उसकी नानी रोहाणी भागते हुए बाहर आए तो रोहित और मनोज ने उन पर चाकूओं से वार कर दिया। कुछ ही देर में उन दोनों ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद तीनों को घर में जो भी कीमती सामान मिला, उसे लेकर फरार हो गए।
अपराध साबित होने पर फांसी एक मर्तबा ही दी जा सकती है, लेकिन इस मामले को रेयरेस्ट आॅफ द रेयर मानते हुए कोर्ट ने हर अपराध में हर अपराधी को तिहरी सजा सुनाई। आरोपियों को मेघा देशपांडे की हत्या के आरोप में फांसी, अश्लेषा की हत्या के आरोप में फांसी और रोहिणी की हत्या के आरोप में फांसी की सजा (यानी हर आरोपी को फांसी की तीन सजा) व एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

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